Weather Update: कड़ाके की ठंड ने हरियाणा को किया ठंडा, बारिश के बाद तापमान में आई भारी गिरावट
Cold wave will prevail in these 6 districts of Haryana, know the latest weather update
Haryana Weather Update: हरियाणा में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है और कड़ाके की ठंड ने प्रदेश के कई जिलों में दस्तक दे दी है। सोमवार की सुबह हुई बारिश के बाद तापमान में गिरावट आई और ठंड बढ़ गई है। खासकर पानीपत और करनाल में रात का तापमान काफी कम हो गया जिससे इन क्षेत्रों में सर्दी का प्रकोप और भी बढ़ गया है। मौसम विभाग ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में शीतलहर और घनी धुंध के चलते अलर्ट जारी किया है।
पानीपत और करनाल में तापमान में गिरावट
सोमवार की सुबह हुई बारिश ने प्रदेश के तापमान को और भी गिरा दिया। पानीपत में रात का न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि करनाल में यह 8.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इन क्षेत्रों में ठंड की लहर ने लोगों को अपने गर्म कपड़े और हीटर का सहारा लेने के लिए मजबूर कर दिया है। इसके अलावा इन जिलों में दिन के समय भी तापमान में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है जिससे ठंड का असर और बढ़ गया है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने हरियाणा के 6 जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में सिरसा, फतेहाबाद, अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर और करनाल शामिल हैं। यहां पर ठंडी हवाओं के चलते तापमान और भी कम हो सकता है। इस दौरान इन जिलों के निवासियों को सर्दी से बचने के लिए खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
साथ ही मौसम विभाग ने कैथल, कुरूक्षेत्र, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, नूंह, फरीदाबाद और पलवल जैसे जिलों में घनी धुंध का अलर्ट भी जारी किया है। इन जिलों में दृश्यता कम होने के कारण सड़क पर सफर करने वाले लोगों को विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई है। धुंध के कारण सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ सकता है इसलिए वाहन चालकों को अपनी गति धीमी रखने और रात में वाहन की लाइट्स को सही से जांचने की सलाह दी गई है।
आने वाले दिन में मौसम का क्या हाल रहेगा?
मौसम विभाग के अनुसार हरियाणा में अगले दो दिनों तक सूखी ठंड का अनुभव होगा। हालांकि, उसके बाद प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से लेकर मध्यम बारिश की संभावना जताई जा रही है। यह बारिश 2 दिन तक जारी रह सकती है जिससे ठंड में और वृद्धि हो सकती है। कहीं-कहीं ओले गिरने की भी संभावना है जो किसानों के लिए चिंता का विषय हो सकता है। ऐसे में किसानों को अपनी फसल का बचाव करने के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है।